संत योहन 14:6 – मार्ग, सत्य और जीवन | Bible Verse in Hindi

संत योहन 14:6 – मार्ग, सत्य और जीवन

संत योहन 14:6 बाइबल का एक अत्यंत महत्वपूर्ण वचन है, जिसमें यीशु मसीह स्वयं को मार्ग, सत्य और जीवन बताते हैं। यह वचन विश्वासियों के लिए आशा, दिशा और उद्धार का संदेश देता है।

“यीशु ने उस से कहा,
मार्ग, सत्य और जीवन मैं ही हूँ।
मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।”
— संत योहन 14:6

अर्थ और संदेश

संत योहन 14:6 में यीशु मसीह स्वयं को मार्ग, सत्य और जीवन कहते हैं। इस वचन के द्वारा वे स्पष्ट करते हैं कि परमेश्वर पिता तक पहुँचने का एकमात्र मार्ग वही हैं। यह कथन केवल धार्मिक शिक्षा नहीं, बल्कि विश्वासियों के जीवन का आधार है।

मार्ग का अर्थ है सही दिशा। जीवन में जब मनुष्य भ्रम, दुख या पाप में फँस जाता है, तब यीशु हमें सही रास्ता दिखाते हैं।
सत्य का अर्थ है वह वास्तविकता जो कभी बदलती नहीं। यीशु का सत्य हमें झूठ, भय और अंधकार से मुक्त करता है।
जीवन का अर्थ है वह अनन्त जीवन जो परमेश्वर के साथ संबंध से मिलता है।

यीशु यह भी कहते हैं कि उनके बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता। इसका मतलब यह नहीं कि परमेश्वर दूर हैं, बल्कि यह कि यीशु ही वह सेतु हैं जो मनुष्य और परमेश्वर के बीच मेल कराते हैं। उनके बलिदान और प्रेम के द्वारा ही उद्धार संभव है।

आज के समय में यह वचन हमें याद दिलाता है कि केवल बाहरी धार्मिक कर्म पर्याप्त नहीं हैं। आवश्यक है कि हम अपने हृदय से यीशु पर विश्वास करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलें। जब हम सत्य को अपनाते हैं और प्रेम में जीवन जीते हैं, तब हम परमेश्वर के निकट आते हैं।

यह वचन हर उस व्यक्ति के लिए आशा का संदेश है जो जीवन में सही दिशा की तलाश में है। यीशु मसीह आज भी वही हैं—वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं, सत्य सिखाते हैं और अनन्त जीवन प्रदान करते हैं।

प्रार्थना

हे प्रभु यीशु, हमें अपने मार्ग पर चलना सिखाइए, अपने सत्य में स्थिर रखिए और हमें उस जीवन की ओर ले चलिए जो पिता के साथ है। आमेन।

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